Look at the power of Divine love! He who is the master of infinite universes, becomes the son of Mother Yashoda, and rests in her lap.
दिव्य प्रेम की शक्ति तो देखो ! जो अनंत ब्रह्मांडों का स्वामी हैं वह यशोदा माता का पुत्र बनकर उनकी गोद में आराम करता है |