True Devotion to God is without self-seeking. It is causeless, trusting, forgiving, patient, ever-increasing. That Divine Love is our goal.
भगवान की वास्तविक भक्ति स्वार्थ-भावरहित होती है | वह भक्ति अकारण, श्रद्धायुक्त, समर्पणभावयुक्त, धैर्यवती, प्रतिक्षण वर्धमान होती है | वह दिव्य प्रेम प्राप्त करना हमारा लक्ष्य है |
भगवान की वास्तविक भक्ति स्वार्थ-भावरहित होती है | वह भक्ति अकारण, श्रद्धायुक्त, समर्पणभावयुक्त, धैर्यवती, प्रतिक्षण वर्धमान होती है | वह दिव्य प्रेम प्राप्त करना हमारा लक्ष्य है |
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