Repeatedly contemplate, "I am not this body. I am the eternal soul, that is a fragment of God. Hence I belong to Him, and He alone is mine."
बार-बार चिंतन करो, "मैं ये शरीर नहीं हूँ | मैं सनातन आत्मा हूँ, जो भगवान का अंश है |अत: मैं उनसे सम्बन्ध रखता हूँ, और केवल वे ही मेरे हैं |
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